Wednesday 25 November 2015

Kashi tujh samajau sang | B B Borkar | Marathi Kavita

Balakrishna Bhagwant Borkar
(Born: 30 November 1910, Died: 8 July 1984)

कशि तुज समजावु सांग?
का भामिनि उगिच राग?

हास्याहुनि मधु रुसवा
हेमंती उष्ण हवा
संध्येचा साज नवा
हा का प्रणयानुराग?

चाफेकळि केवि फुले?
ओष्ठ-कमल जेवि उले?
भोवति मधुगंध पळे
का प्रसन्‍न वदन-राग?

वृत्तींचा होम अमुप
त्यात जाळु गे विकल्प
होउनिया निर्विकल्प
अक्षय करु यज्ञयाग

ओठांचे फेड बंध
गाइ गडे मुक्त छंद
श्वासांचे करू प्रबंध
हृदयांचे मधु प्रयाग

__ बा. भ. बोरकर

No comments:

Post a Comment